Wednesday, December 31, 2008

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ Happy New Year 2009

नमस्ते दोस्तों, आप सब को नये वर्ष की हार्दिक बधाईया. 2009 आपके जीवन में सुख, सध्दि और सफलता लाये और आप ही मनचाही मुरादे पुरी हों .

"नव वर्ष २००९ - आप सभी ब्लॉग परिवार और समस्त देश वासियों के परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं "


Saturday, December 20, 2008

ग़ैरों पे करम अपनों पे सितम, ऐ जान\-ए\-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर




What a great moment was that when Sahir Ji written this great Song.....
The Film Starring Dharmendra & Mala Sinha was a great legend "AANKHEN" in 1968....

गाना / Title: ग़ैरों पे करम अपनों पे सितम, ऐ जान\-\-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर

चित्रपट / Film: Aankhen

संगीतकार / Music Director: Ravi

गीतकार / Lyricist: साहिर-(Sahir)

गायक / Singer(s): लता-(Lata)

ग़ैरों पे करम अपनों पे सितम, ऐ जान\-\-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर

रहने दे अभी थोड़ा सा धरम, ऐ जान\-\-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर

ये ज़ुल्म न कर

ग़ैरों पे करम ...

ग़ैरों के थिरकते शानों पर, ये हाथ गँवारा कैसे करें

हर बात गंवारा है लेकिन, ये बात गंवारा कैसे करें

ये बात गंवारा कैसे करें

मर जाएंगे हम, मिट जाएंगे हम

ऐ जान\-\-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर, ये ज़ुल्म न कर

ग़ैरों पे करम ...

हम भी थे तेरे मंज़ूर\-\-नज़र, दिल चाहा तो अब इक़रार न कर

सौ तीर चला सीने पे मगर, बेगानों से मिलकर वार न कर

बेगानों से मिलकर वार न कर

बेमौत कहीं मर जाएं न हम

ऐ जान\-\-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर, ये ज़ुल्म न कर

ग़ैरों पे करम ...

हम चाहनेवाले हैं तेरे, यूँ हमको जलाना ठीक नहीं

मह्फ़िल में तमाशा बन जाएं, इस दर्जा सताना ठीक नहीं

इस दर्जा सताना ठीक नहीं

ऐ जान\-\-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर, ये ज़ुल्म न कर

ग़ैरों पे करम ...

अभी न जाओ छोड़कर, के दिल अभी भरा नहीं



HUM DONO Was a gr8 movie in which Nanda & Dev Anand played a great role.

Here is the evergreen lyrics of this film from साहिर

गाना / Title: अभी न जाओ छोड़कर, के दिल अभी भरा नहीं
चित्रपट / Film: Hum Dono
संगीतकार / Music Director: Jaidev
गीतकार / Lyricist: साहिर-(Sahir)
गायक / Singer(s): Rafi , आशा भोसले-(Asha)

र: अभी न जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं \- (२)
अभी अभी तो आई हो \- अभी अभी तो
अभी अभी तो आई हो, बहार बनके छाई हो
हवा ज़रा महक तो ले, नज़र ज़रा बहक तो ले
(ये शाम ढल तो ले ज़रा \- २), ये दिल सम्भल तो ले ज़रा
मैं थोड़ी देर जी तो लूँ, नशे के घूँट पी तो लूँ
नशे के घूँट पी तो लूँ
अभी तो कुछ कहाँअहीं, अभी तो कुछ सुना नहीं
अभी न जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं

आ: सितारे झिलमिला उठे, सितारे झिलमिला उठे, चराग़ जगमगा उठे
बस अब न मुझको टोकना
बस अब न मुझको टोकना, न बढ़के राह रोकना
अगर मैं रुक गई अभी तो जा न पाऊँगी कभी
यही कहोगे तुम सदा के दिल अभी नहीं भरा
जो खत्म हो किसी जगह ये ऐसा सिलसिला नहीं
र: अभी नहीं अभी नहीं
आ: नहीं नहीं नहीं नहीं
र: अभी न जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं

र: अधूरी आस, अधूरी आस छोड़के, अधूरी प्यास छोड़के
जो रोज़ यूँही जाओगी तो किस तरह निभाओगी
कि ज़िंदगी की राह में, जवाँ दिलों की चाह में
कई मुक़ाम आएंगे जो हम को आज़माएंगे
बुरा न मानो बात का ये प्यार है गिला नहीं
आ: हाँ, यही कहोगे तुम सदा के दिल अभी नहीं भरा
र: हाँ, दिल अभी भरा नहीं
आ: नहीं नहीं नहीं नहीं

फ़िज़ा भी है जवाँ जवाँ

Salma Agha, the great singer with magical voice....
See the lyrics....
गाना / Title: फ़िज़ा भी है जवाँ जवाँ
चित्रपट / Film: Nikaah
संगीतकार / Music Director: Ravi
गीतकार / Lyricist: Hasan Kamaal
गायक / Singer(s): Salma Agha

फ़िज़ा भी है जवाँ जवाँ, हवा भी है रवाँ रवाँ
सुना रहा है ये समा सुनी सुनी सी दास्ताँ

बुझी मगर बुझी नहीं, न जाने कैसी प्यास है
क़रार दिल से आज भी न दूर है न पास है
ये खेल धूप छाओं का, ये पर्वतें ये दूरियाँ
सुना रहा है ये समा...

हर एक पल को ढूँढता हर एक पल चला गया
हर एक पल विसाल का, हर एक पल फ़िराक़ का
हर एक पल गुज़र गया, बनाके दिल पे इक निशाँ
सुना रहा है ये समा...

पुकारते हौइं दूर से, वो क़ाफ़िले बहार के
बिखर गए हैं रंग से, किसीके इन्तज़ार में
लहर लहर के होंठ पर, वफ़ा की हैं कहानियाँ
सुना रहा है ये समा...

वोही घड़ी वोही पहर, वोही हवा वोही लहर
नई हैं मंज़िलें मगर, वोही डगर वोही सफ़र
नज़र गई जिधर जिधर, मिली वोही निशानियाँ
सुना रहा है ये समा...

अभी अलविदा मत कहो दोस्तों ... बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी



Nikaah was indeed the greatest musical hit till today......
See the hearttouching lyrics of this song...
गाना / Title: अभी अलविदा मत कहो ... बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी
चित्रपट / Film: Nikaah
संगीतकार / Music Director: Ravi
गीतकार / Lyricist: Hasan Kamaal
गायक / Singer(s): Mahendra Kapoor

अभी अलविदा मत कहो दोस्तों
न जाने फिर कहाँ मुलाक़ात हो, क्योंकि

बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी
ख़्वाबों में ही हो चाहे मुलाक़ात तो होगी

ये प्यार ये डूबी हुई रँगीन फ़िज़ाएं
ये चहरे ये नज़ारे ये जवाँ रुत ये हवाएं
हम जाएं कहीं इनकी महक साथ तो होगी
बीते हुए लम्हों की ...

फूलों की तरह दिल में बसाए हुए रखना
यादों के चिराग़ों को जलाए हुए रखना
लम्बा है सफ़र इस में कहीं रात तो होगी
बीते हुए लम्हों की ...

ये साथ गुज़ारे हुए लम्हात की दौलत
जज़्बात की दौलत ये ख़यालात की दौलत
कुछ पास न हो पास ये सौगात तो होगी
बीते हुए लम्हों की ...

काहे को रोये, चाहे जो होये ...




Aradhana was a great movie.... see the lyrics of this song.....

गाना / Title: काहे को रोये, चाहे जो होये

चित्रपट / Film: Aradhana

संगीतकार / Music Director: सचिन देव बर्मन-(S D Burman)

गीतकार / Lyricist: आनंद बक्षी-(Anand Bakshi)

गायक / Singer(s): सचिन देव बर्मन-(S D Burman)

बनेगी आशा इक दिन तेरी ये निराशा

काहे को रोये, चाहे जो होये

सफ़ल होगी तेरी आराधना

काहे को रोये ...

आँखे तेरी काहे नादान

छलक गयी गागर समान

समा जाये इस में तूफ़ान

जिया तेरा सागर समान

जाने क्यों तूने यूँ

असुवन से नैन भिगोये

काहे को रोये ...

कहीं पे है सुख की छाया

कहीं पे है दुखों का धूप

बुरा भला जैसा भी है

यही तो है बगिया का रूप

फूलों से, कांटों से

माली ने हार पिरोये

काहे को रोये ...

दिया टूटे तो है माटी

जले तो ये ज्योति बने

आँसू बहे तो है पानी

रुके तो ये मोती बने

ये मोती आँखों की

पूँजी है ये न खोये

काहे को रोये ...

Wednesday, August 27, 2008

तू जिंदा है ..

मेरा परिचय -
My Introduction
पूरानाम - चौधरी देवेन्द्र कुमार सिंह
Full Name - Choudhary Devendra Kumar Singh
(प्यार से DK भी कह सकते हैं)
जन्म - 15 - जुलाई - 1980
D.O.B. 15th July 1980
संपर्क (भ्रमणध्वनी) - +91-9414756120
Contact Mobile 9414756120
स्थान - उत्तरलाई, बाड़मेर, राजस्थान
Location - Uttarlai (UTARLAI), Barmer, Rajasthan



कुछ रचनायें (गान) जो मुझे बेहद प्रिय हैं -
तू जिंदा है, तू जिन्दगी की जीत पर यकीन कर,
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर।

ये गम के और चार दिन, सितम के और चार दिन,
ये दिन भी जायेंगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन,
कभी तो होगी इस चमन पे भी बहार कि नज़र,
अगर कहीँ है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर।

सुबह और शाम के रंगे हुए गगन को चूम कर,
तू सुन ज़मीन गा रही है कब से झूम झूम कर,
तू आ मेरा श्रंगार कर, तू आ मुझे हसीं कर,
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर।

हज़ार वेश धर के आयी, मौत तेरे द्वार पर,
मगर तुझे ना छल सकी चली गयी वो हार कर,
नयी सुबह के संग सदा तुझे मिली नयी उमंग,
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर।